अनपरा।
प्रदूषण सहित विद्युत बिल, विस्थापित समस्याओं के खिलाफ आमजन ने रविवार को
सत्याग्रह किया। सैकड़ों लोगों ने हाथ में तिरंगा लहराते हुए डिबुलगंज से
लेकर नेहरू चौक तक पदयात्रा की। नेहरू चौक पर आहूत जनसभा में वक्ताओं ने
प्रदूषण के मुद्दे पर प्रशासन सहित जिम्मेदारों को आड़े हाथों लिया। इस
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आरटीओ, पुलिस-प्रशासन और निजी-सार्वजनिक
परियोजनाओं की साठगांठ से प्रदूषण बढ़ा है। हुक्मरानों ने अपने दायित्व का
ठीक निर्वाह किया होता तो आज ऊर्जांचल देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित स्थानों
में नहीं होता। बिजली के बिल को लेकर राज्य सरकार पर सौतेले व्यवहार बरतने
का आरोप लगाया गया।
रविवार को दोपहर बाद
पौने दो बजे सैकड़ों लोगों ने भारत माता की जय के साथ पदयात्रा शुरू की।
तीन बजे के लगभग नेहरू चौक पर पहुंची पदयात्रा भारत माता की जय के साथ ही
आमसभा में तब्दील हो गई। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्वनी दूबे ने कहा
कि सोनभद्र और सिंगरौली जिला देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित स्थानों में
शुमार हैं। यह राज्य और देश के हुक्मरानों की देन है। उन्होंने कहा कि इसे
अब बदल डालना है, क्योंकि दोनों जिले की जनता जागरूक हो गई है। दोनों जिलों
के प्रशासनिक अफसरों, परियोजनाओं के प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण के लिए
जिम्मेदार अधिकारियों पर करारा प्रहार किया। दूबे ने कहा कि उन्होंने मामला
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) दायर किया है, जिस पर सुनवाई हो रही है।
पंकज मिश्रा ने कहा कि सोनभद्र और सिंगरौली देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित
जगहों में चयनित किया तो प्रदूषण की रोकथाम के अब तक उपाय क्यों नहीं किया
गया।
विस्थापितों ने मांगा हक, सौंपा पत्रक
अनपरा।
प्रदूषण और विस्थापन की समस्याओं से प्रभावित ग्रामीणों ने रविवार को
राष्ट्रपति को संबोधित इच्छामृत्यु का पत्रक थानाध्यक्ष को सौंपा।
लोगों
ने बताया कि तीन दशक पूर्व राज्य सरकार ने अनपरा विद्युत गृह की आधारशिला
रखी। इसके लिए कई गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया गया। भूमि अधिग्रहण के
दौरान जो सब्जबाग लोगों को दिखाए गए वह तो आज भी पूरे नहीं हुए। इसके साथ
ही विस्थापितों को भूमि प्रतिकर, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन लाभ भी नहीं
दिया गया। रोजगार मिला नहीं, भूमि भी हाथ से गई। ऐसे में लोगों के पास जीवन
चलाने के लिए कुछ नहीं बचा है। इस स्थिति में राष्ट्रपति उन्हें इच्छा
मृत्यु की अनुमति दें। सौ से ऊपर लोगों ने इच्छामृत्यु का पत्रक पुलिस को
सौंपा। लोगों ने कहा कि इच्छामृत्यु के तहत 30 जनवरी से वह
अपने परिवार के साथ घरों के सामने अनिश्चितकालीन उपवास पर
बैठ जाएंगे।
वक्ताओं ने कहा, आरटीओ, पुलिस और निजी विद्युत गृहों की साठगांठ से बढ़ रहा है प्रदूषण
•पदयात्रा में दिखी एकजुटता, समस्याओं के हल के लिए सौंपा पत्रक
प्रदूषण सहित अन्य समस्याओं के खिलाफ रविवार को कुछ इस जज्बे के साथ निकाली गई पदयात्रा।
•भीड़ देख हर कोई रह गया हैरान
अनपरा।
जनलोकपाल के लिए जिस तरह दो वर्ष पूर्व अन्ना और केजरीवाल के नेतृत्व में
दिल्ली के लोगों ने जज्बा दिखाया। कुछ इसी अंदाज में ऊर्जांचल के रहवासियों
ने रविवार को तेवर दिखाए। भीड़ के अंदाज को देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।
प्रदूषण के खिलाफ रविवार को सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रीयजनों ने लामबंद
होकर पदयात्रा शुरू की तो यातायात व्यवस्था चरमरा गई। साथ चल रही पुलिस
ने यातायात सुचारु चले, इसके लिए बहुत कोशिश की लेकिन रह-रहकर जाम लग जा
रहा था। हाथों में तिरंगा लहरा रहे बाइक सवार युवक भारत माता की जय के नारे
लगा जोश भर दे रहे थे।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए भी दिया ज्ञापन
अनपरा।
क्षेत्रीयजनों ने रविवार को पदयात्रा के बाद सोनभद्र और सिंगरौली को
प्रदूषण मुक्त करने के लिए केंद्रीय मंत्री वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत
सरकार नई दिल्ली को संबोधित पत्रक एसओ अनपरा, एसओ पिपरी को सौंपा। इसमें
लोगों ने मांग की है कि निजी और सरकारी औद्योगिक इकाइयों ने पर्यावरण के
प्रति असंवेदनशीलता की सभी हदें पार कर दी हैं, जिससे आमजन का जीवन दुश्वार
हो गया है। लोगों ने प्रदूषण के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, परिवहन विभाग
और पुलिस विभाग के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार माना है।
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