Tuesday, February 4, 2014

डेढ़ सौ लोग जांच के दायरे में

मनरेगा घोटालाः आरोपियों की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच होगी

सोनभद्र। जनपद में मनरेगा के कार्यों में हुए घोटाले में डेढ़ सौ से अधिक लोगों केे जांच के दायरे में आने के आसार हैं। जांच के दायरे में आने वाले अफसरों, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों, फर्म मालिकों एवं अन्य की आय से अधिक संपत्ति की भी सीबीआई जांच करेगी। आय से अधिक होने की पुष्टि पर संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भेजे गए पत्र में पहले ही इसका जिक्र हो चुका है। हाईकोर्ट के आदेश में भी इसका उल्लेख है।
वर्ष 2007 से 2010 के बीच जनपद में विभिन्न जांच अधिकारियों की रिपोर्ट और नवंबर 2011 में तत्कालीन डीएम वीवी पंत की ओर से शासन को भेजी गई आख्या पर ध्यान दें तो 126 लोग सीधे इस मामले में आरोपी पाए जा रहे हैं। इसमें तत्कालीन डीएम, दो सीडीओ, एक परियोजना निदेशक, एक डीडीओ का नाम सुर्खियों में है। 10 खंड विकास अधिकारी, पांच एक्सईएन, 15 जेई, पांच एडीओ, तीन सहायक लेखाकार, 13 ग्राम विकास अधिकारी, 22 ग्राम पंचायत अधिकारी, 28 प्रधान, 18 तकनीकी सहायक को पहले ही आरोपी मानकर किसी के खिलाफ सीधी कार्रवाई तो किसी के खिलाफ संस्तुति कर शासन को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। 14 आपूर्तिकर्ता, तत्कालीन समय के ब्लाक प्रमुख, थर्ड पार्टी मानीटर सहित अन्य व्यक्तियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा चुके हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2011 में 24 अक्तूबर और 14 नवंबर को केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती को भेजे पत्र में लिखा है कि सोनभद्र में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों ने मनमानी लूट कर संपत्ति अर्जित की है। ऐसे लोगों की आय से अधिक संपत्ति की जांच कर उसे जब्त करने के लिए सीबीआई जांच के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उधर, हाईकोर्ट के आदेश में भी केंद्रीय मंत्री की इन बातों का उल्लेख किया गया है।
न्यायालय ने अपने आदेश में रिपोर्टों के मद्देनजर स्पष्ट जिक्र किया है कि अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ही प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, जनप्रतिनिधि एवं अन्य प्राइवेट व्यक्ति भी इस खेल में संलिप्त हैं। इनकी जांच कर घोटाले का सच सामने लाना जरूरी है। कोर्ट ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से भ्रष्टाचार को लेकर आए बयान का भी जिक्र करते हुए टिप्पणी की है। इससे अन्य कार्रवाई के साथ आय से अधिक संपत्ति की जांच होने की पूरी उम्मीद है और सरकारी अमले के साथ, सफेदपोशों के भी बेनकाब होने की संभावना बन गई है।

इन विभागों के अफसर होंगे जांच के दायरे में

सोनभद्र। डीआरडीओ, ग्राम्य विकास, पंचायत राज विभाग, पीडब्ल्यूडी, लघु सिंचाई, सहकारी समितियां, आर्थिक बोध एवं संख्या प्रभाग, समाज कल्याण विभाग, जिला पंचायत, वन विभाग आदि।
आरोपी होकर भी 55 कार्यों के बन गए प्रभारी
रामगढ़। मनरेगा घपले में घोरावल ब्लाक में तैनाती के दौरान आरोपी ठहराए जा चुके एडीओ पंचायत पर चतरा ब्लाक में जमकर मेहरबानी हुई है। इनके खिलाफ वर्ष 2011 में ही कार्रवाई के लिए पत्राचार हो चुका है। जांच रिपोर्ट में ऐसे लोगों को कार्यप्रभारी न बनाए जाने का सुझाव दिया जा चुका है। बावजूद अभी भी आरोपी अनरमा का चतरा ब्लाक में न केवल दबदबा बरकरार है, बल्कि उन्हें मनरेगा के 55, आईएपी के 15, राज्य वित्त के 14 और सांसद निधि के चार कार्यों का प्रभारी बना दिया गया है।
आय से अधिक संपत्ति मिलने पर जब्त होगी
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में किया है उल्लेख